Yes, Mahror Rajput is generally lived in Bihar and Eastern U.P. There ancestor came from Mewar, Rajasthan.
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महरौढ़ [ MAHRAUR / MAHROUR ] वंश की उत्पत्ति सूर्यवंश से हुई है। सूर्यवंश की शाखा राठौड़ वंश तथा राठौड़ वंश की शाखा महरौढ़ वंश है। इस वंश का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। ये स्वाभाविक रूप से अत्यन्त स्वाभिमानी, धार्मिक, एवं अपनी वीरता व युद्ध कौशल के लिए इतिहास प्रसिद्ध हैं।
▎वंश की जानकारी
▎कुलदेवी
▎ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इतिहास, साहित्य व जनश्रुतियों पर गौर करें तो, सन् 1527, महाराणा संग्राम सिंह (राणा सांगा) और बाबर के बीच खानवा का युद्ध हुआ।
बाबर ( मूल रूप से फरगना का निवासी था, उज़्बेग आक्रमण से अपना जान बाचकर भारत की तरफ भागा ) इस युद्ध को अपने अस्तित्व बचाने के लिए लड़ रहा था।
महाराणा संग्राम सिंह ( मेवाड़ के शासक और इस युध में उस समय के राजपूत गठबंधन के नेतृत्वकर्ता ) एक विदेशी आक्रमणकारी से अपने मातृभूमि के रक्षा हेतु लड़ रहे थे।
इस युध मे महाराणा संग्राम सिंह के शरीर पर 80 घाव लगे और अचेत अवस्था मे उन्हे आमेर के पृथ्वीराज कच्छवाहा और मारवाड़ के मालदेव राठौड़ अपने साथ ले गये।
दुर्भाग्यवश, इस युद्ध में बाबर की जीत हुई। परिणामस्वरूप राजपूतसंघ बिखर गया और लोग अपने मातृभूमि से दूर होने को मजबूर हुए।
जिन्होंने जहाँ उचित वातावरण पाया और जहाँ भूमि हासिल कर पाए वहीं अपना निवास स्थान बनाया।
इसी दौरान मारवाड़ के श्री सत्यदेव राठौड़, जो की राठौड़ वंश की एक प्रतापी राजा थे, अपने पांच पुत्रों व सहयोगियों के साथ खानवा युद्ध (1527) के बाद, मां भवानी द्वारा दिखाए राह पे चलकर जोधपुर से यूपी के धानापुर चंदौली के महुंजी गांव में अपना निवास स्थान बनाया।
सत्यदेव के पाचवें पुत्र निसंखदेव के दो पुत्र फिनंगीदेव व लखनदेव चैनपुर रियासत में भ्रमण कर रहे थे। यात्रा के दौरान परिस्थितिजन्य वीरता से प्रभावित होकर चैनपुर के राजा शारिवाहन ने दोनों भाइयों से युद्ध में सहायता मांगी चूंकि उन दिनों राजा शारिवाहन की लड़ाई काशी नरेश से चल रही थी। दोनों भाइयों की सहायता से शारिवाहन की जीत हुई। राजा शारिवाहन ने दोनो भाइयों को भेट स्वरूप साठ गांव स्वीकार करने को कहा, और दोनो वीर कुमारों ने उसे स्वीकार किया ।।
चूंकि ये राठौड़ थे और मारवाड़ क्षेत्र से आये थे इसीलिए इनके वंसज मड़वढ़ / महरौड़ / महरौढ़ ( शाब्दिक अर्थ - मारवाड़ी राठौड़ ) कहलाये।
ज उत्तर प्रदेश ( मुख्यतः पूर्वांचल ),बिहार तथा झारखंड मिलाकर यह वंश 150 से भी अधिक ग्रामों में फैला हुआ है । जिनमे उत्तर प्रदेश के गाजीपुर,चंदौली आदि जिले सामिल हैं, झारखंड के देवघर आदि जिले शामिल हैं एवं बिहार के पटना (कंसारी, अलावलपुर, पियरिया आदि ), वैशाली, मुज़फरपुर, आरा, छपरा, कैमूर आदि ज़िले सामिल हैं।
▎राजनीतिक व सामाजिक पकड़
पूर्वांचल एवं बिहार के कई जिलों में मड़वढ़ वंश की काफ़ी अच्छी राजनीतिक पकड़ मानी जाती है ।
आज के समय मड़वढ़-राठौड़ क्षत्रियों का प्रभुतव् अन्य क्षेत्रों में भी देखने को मिलता है जैसे प्रशासन, पुलिस, सेना इत्यादि ।
▎कुलदेवी धाम स्थापना
जीबी कॉलेज के मनोवैज्ञानिक विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जेपी सिंह ने बताते हैं कि, मड़वढ़ वंश की कुलदेवी माता नागणेची भगवती जिनका विग्रह राजा सत्यदेव अपने साथ लेकर आए थे, उन्हीं की स्थापना राजा सत्यदेव के पाचवें पुत्र निसंखदेव के दो पुत्र फिनंगीदेव व लखनदेव ने 'छेरा' नामक जंगल में मोतीनाज तालाब के पश्चिमी तट पर किया था।
कालांतर में जंगल 'छेरा' में स्थापित होने के कारण माता नागणेची भगवती, मां छेरावरी के रुप में प्रसिद्ध हो गईं।
कहते हैं कि देवी मां की महिमा अपरंपार है। इनके दरबार से कोई खाली नहीं जाता। चैत माह की नवमी तिथि को यहां मड़वढ़-राठौड़ वंश के सभी गांवों के लोग धाम में पंहुचकर देवी मां को ध्वज समर्पित करते हैं।
▎संदर्भ ग्रन्थ व लेख
By Madhavsharan Parashar
बीकानेर व मेहरानगढ़ दुर्ग में भी है मां नागणेची भगवती ( माता छेरावरी ) का मंदिर ।
राठौड़ (मड़वढ़) वंश का इतिहास (काव्यमय) - श्याम नारायण सिंह
देवहलिया का इतिहास (हस्तलिखित)- राजेन्द्र सिंह
राठौड़ वंश (महरौढ़ वंश) का इतिहास 2 - डा० जय प्रकाश सिंह व प्रो० अरूण कान्त सिंह ।
ठा. ईश्वरसिंह मडाढ द्वारा रचित राजपूत वंशावली।
बिहार सरकार द्वारा संचालित, कैमूर जिले का आधिकारिक website
श्री सीताराम जय मां भवानी जय राजपूताना 🙏🏻🙏🙏
Yess, The clan is authentic but the Gotra of all Mahrour Kshatriyas is Vatsa and not Bhardwaj.
Yes, Mahror Rajput are authentic.
I belongs to the same having Bhardwaj Gotra.
Jai Bhawani.
नहीं, पहले तो राजपूत का मतलब राजा का पुत्र होता है । अन्य जाति के लोग भी राजा हुए हैं उनको भी राजपूत कहा जाने लगा । खुद राजपूत कोई जाति नहीं होती , यह एक उपाधि मात्र है ।
क्षत्रिय वंशावली में महराज या राजपूत नहीं आते हैं और इनका गोत्र भी नहीं होता । महराज या राजपूत रटने से कोई क्षत्रिय नहीं हो जाता ।
Yes 100%
from where is kakan rajput orginate?
The term "nakum" does not specifically refer to a Rajput subcaste. Rajput is a broad social group in India, and within it, there are numerous subcastes. It is possible that there may be a subcaste within the Rajput community that uses the term "nakum," but without further context or specific information, it is challenging to definitively classify it as a Rajput subcaste. Additional research or consultation with experts in Indian social structures may provide more clarity on this matter.
Vashisht Rajput or Basith Rajputana's is clan of Kshatriya Rajput's they are descendents of Rishi Vaishishta (GURU OF HINDU PRINCE GOD RAMA & LASKHMAN) they live in Jammur & Kashmir region before the first Islamic invasion which was done muhammad ghaznavi) after the ghaznavi's invasion many of the Vashisht Rajput Kings were appointed as 'Senapati' or 'Main Advisors' of Muslim Kings in India / Hindustan ... later these Vashisht Rajput settled in Uttar Pradesh mainly in Ayodhya & Vaishishta Nagar.. there blood line is very rare and have Afghani and Kashmiri Roots in them!
there is no mandatory that is she rajput only....she could be valmiki as well coz some of chouhan belongs to valmiki community.......
yes